होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥३९॥ तुलसीदास सदा हरि चेरा । ओम् ऐं ह्रीं हनुमते रामदुते लंकविधवंसने अंजनी गर्भ सम्भुतय शकिनि डाकिनी विध्वंसनाय किलकिली बुबुकरेन विभीषण हनुमददेवय ओम ह्रीं ह्रीं हं फट् स्वाहा बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। Which means: I acquire refuge in Sri Hanuman, the 1 that is as swift https://laxmi53085.blogpixi.com/35806989/5-easy-facts-about-hanuman-mantra-described